- लाडो प्रोत्साहन योजना राजस्थान सरकार द्वारा 2024 में शुरू की गई थी, जिसे हाल ही में ₹1.5 लाख तक वित्तीय सहायता बढ़ाई गई है।
- यह योजना लड़कियों के जन्म, शिक्षा और विवाह के लिए आर्थिक मदद देती है, खासकर आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए।
- पंजीकरण स्वचालित है, अलग आवेदन की जरूरत नहीं, अगर बच्ची सरकार या जननी सुरक्षा योजना से मान्य अस्पताल में जन्मी हो।
योजना का परिचय
लाडो प्रोत्साहन योजना राजस्थान की लड़कियों को सशक्त बनाने के लिए है, जो पहले मुख्यमंत्री राजश्री योजना के नाम से जानी जाती थी। अब इसे ₹1.5 लाख तक की वित्तीय सहायता के साथ बढ़ाया गया है, जो जन्म से 21 साल की उम्र तक सात किश्तों में दी जाती है।
लाभ और वितरण
यह योजना लड़कियों को निम्नलिखित किश्तों में मदद देती है:
- जन्म पर: ₹5,000
- 1 साल की उम्र (पूर्ण टीकाकरण के साथ): ₹5,000
- स्कूल में दाखिला: ₹10,000
- कक्षा 6 में दाखिला: ₹15,000
- कक्षा 10 में दाखिला: ₹20,000
- कक्षा 12 में दाखिला: ₹25,000
- 21 साल की उम्र (स्नातक के साथ): ₹70,000
पहली छह किश्तें माता-पिता या अभिभावक के खाते में, और आखिरी किश्त सीधे लड़की के खाते में डीबीटी के माध्यम से दी जाती है।
पात्रता और पंजीकरण
यह योजना 1 अगस्त 2024 के बाद जन्मी सभी लड़कियों के लिए खुली है, बशर्ते उनका जन्म सरकार के अस्पताल या जननी सुरक्षा योजना से मान्य निजी अस्पताल में हुआ हो। जाति, धर्म, वर्ग या आय की कोई सीमा नहीं है। पंजीकरण स्वचालित है, इसलिए अलग से आवेदन की जरूरत नहीं।
वर्तमान स्थिति
अभी तक 1.77 लाख लड़कियों को पहली किश्त मिल चुकी है, और आधिकारिक दिशानिर्देश अप्रैल 2025 में जारी होने की उम्मीद है।
विस्तृत सर्वेक्षण नोट
लाडो प्रोत्साहन योजना राजस्थान सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है, जो लड़कियों के जन्म, शिक्षा और भविष्य को सुरक्षित करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है। यह योजना 2024 में शुरू हुई थी और हाल ही में, 17 मार्च 2025 को, महिला दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा द्वारा वित्तीय सहायता को ₹1 लाख से बढ़ाकर ₹1.5 लाख करने की घोषणा की गई। यह योजना पहले मुख्यमंत्री राजश्री योजना के रूप में जानी जाती थी, जो अब इसमें विलय हो गई है।
योजना का इतिहास और उद्देश्य
लाडो प्रोत्साहन योजना का मुख्य उद्देश्य लड़कियों के जन्म को प्रोत्साहित करना, उनकी शिक्षा और विकास को बढ़ावा देना, और आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को उनकी शादी और भविष्य के लिए मदद करना है। यह समाज में लड़कियों के प्रति सकारात्मक सोच विकसित करने और लैंगिक समानता को बढ़ावा देने का प्रयास है। योजना का लक्ष्य लड़कियों को आर्थिक स्वतंत्रता प्रदान करना और बाल विवाह को कम करना है।
वित्तीय सहायता और वितरण
नवीनतम अपडेट के अनुसार, योजना के तहत लड़कियों को ₹1.5 लाख की वित्तीय सहायता दी जाती है, जो सात किश्तों में दी जाती है। वितरण इस प्रकार है:
चरण | राशि (₹) |
---|---|
जन्म पर | 5,000 |
1 साल की उम्र (टीकाकरण के साथ) | 5,000 |
स्कूल में दाखिला | 10,000 |
कक्षा 6 में दाखिला | 15,000 |
कक्षा 10 में दाखिला | 20,000 |
कक्षा 12 में दाखिला | 25,000 |
21 साल की उम्र (स्नातक के साथ) | 70,000 |
पहली छह किश्तें माता-पिता या अभिभावक के बैंक खाते में, और आखिरी किश्त सीधे लड़की के खाते में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के माध्यम से दी जाती है। यह सुनिश्चित करता है कि लड़की को वयस्क होने पर आर्थिक मदद मिले।
पात्रता मानदंड
पात्रता के लिए, लड़की का जन्म 1 अगस्त 2024 के बाद राजस्थान में हुआ होना चाहिए, और उसका जन्म सरकार के अस्पताल या जननी सुरक्षा योजना से मान्य निजी अस्पताल में हुआ हो। महत्वपूर्ण बात यह है कि अब इस योजना में जाति, धर्म, वर्ग या आय की कोई सीमा नहीं है, जो इसे और अधिक समावेशी बनाता है। पहले यह योजना विशेष रूप से अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST), और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के लिए थी, लेकिन हाल के बदलावों ने इसे सभी के लिए खोल दिया है।
पंजीकरण प्रक्रिया
पंजीकरण की प्रक्रिया स्वचालित है, जिसका मतलब है कि अलग से आवेदन जमा करने की जरूरत नहीं है। अगर लड़की का जन्म योग्य अस्पताल में हुआ है, तो उसका डेटा संबंधित विभाग के पोर्टल पर स्वचालित रूप से अपलोड हो जाता है। इसके अलावा, जो लड़कियां पहले राजश्री योजना की लाभार्थी थीं, वे भी इस बढ़ी हुई सहायता के लिए स्वचालित रूप से पात्र हैं। यह प्रक्रिया उपयोगकर्ता के लिए आसान बनाती है और प्रशासनिक बोझ को कम करती है।
वर्तमान स्थिति और कार्यान्वयन
अभी तक, 1.77 लाख लड़कियों को योजना की पहली किश्त मिल चुकी है, जो इसकी व्यापक पहुंच को दर्शाता है। योजना का कार्यान्वयन महिला सशक्तिकरण निदेशालय द्वारा, महिला और बाल विकास विभाग के तहत किया जा रहा है। हालांकि, आधिकारिक दिशानिर्देश अभी तक जारी नहीं हुए हैं, और अपेक्षा है कि वे अप्रैल 2025 में जारी होंगे। यह सुनिश्चित करेगा कि सभी लाभार्थियों को स्पष्ट जानकारी और प्रक्रिया मिले।
अतिरिक्त जानकारी और विवाद
हालांकि योजना का उद्देश्य सराहनीय है, कुछ शुरुआती रिपोर्टों में वित्तीय सहायता की राशि को लेकर भ्रम था। कुछ स्रोतों ने ₹2 लाख का उल्लेख किया, लेकिन नवीनतम आधिकारिक घोषणा, जैसे The New Indian Express में, स्पष्ट रूप से ₹1.5 लाख की पुष्टि करती है। यह भ्रम मुख्य रूप से गैर-आधिकारिक वेबसाइटों और पुरानी जानकारी के कारण था।
इसके अलावा, कुछ समाचारों में पात्रता को लेकर भी मतभेद थे, जैसे कुछ स्रोतों ने SC, ST, और EWS को प्राथमिकता दी, जबकि नवीनतम आधिकारिक जानकारी सभी के लिए खुला होने की बात करती है। यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि लाभार्थी नवीनतम आधिकारिक जानकारी के लिए सरकार की वेबसाइट या संबंधित विभाग से संपर्क करें।
निष्कर्ष
लाडो प्रोत्साहन योजना राजस्थान में लड़कियों के लिए एक क्रांतिकारी कदम है, जो उनकी शिक्षा, स्वास्थ्य, और आर्थिक स्वतंत्रता को बढ़ावा देती है। ₹1.5 लाख की बढ़ी हुई सहायता और स्वचालित पंजीकरण प्रक्रिया इसे और अधिक सुलभ बनाती है। यह योजना न केवल परिवारों को राहत देती है, बल्कि समाज में लैंगिक समानता को बढ़ावा देने में भी मदद करती है।
अधिक जानकारी के लिए, आप राजस्थान सरकार की आधिकारिक वेबसाइट या महिला और बाल विकास विभाग से संपर्क कर सकते हैं।